श्री आत्मानन्द जैन सभा के स्वर्णिम एवम ऐतिहासिक तथा अनवरत साधार्मिक सेवा के 75 वर्ष के सफर को यादगार बनाने हेतू संस्थाध्यक्ष खुबीलाल जी. राठोर की अध्यक्षता में एक भव्य समारोह पाटकर हॉल मुम्बई में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
समारोह के प्रारंभ में सभी मुख्य अतिथियों ने प. पूज्य आचार्य श्री आत्मारामजी म.सा., प.पु.आचार्य श्री वल्लभसूरीश्वरजी म.सा. तथा श्री महावीरस्वामीजी भगवान के तस्वीरों को माल्यार्पण एवं दिप प्रज्ज्वलित कर समारोह का मंगल प्रारंभ किया। मोहनलाल जैन ने अपने गीत ‘वो जैन धर्म री लाला कठे’ ५ माध्यम से वल्लभगुरु के गुणो की व्याख्या की। इस शुभ अवसर को प. पु. आचार्य राष्ट्रसंत, प्रवचन प्रभावक श्री चंद्राननसागर सुरीश्वरजी की पावन निश्रा एवम उनके मंगलमय मंगलाचरण ने सम्पूर्ण समारोह की फिजा को आध्यात्मिक सुगंध से लबालब कर दिया। आचार्यश्री ने ओजस्वी वाणी से समाज को पंजाब केशरी आचार्य श्री वल्लभ सूरीश्वरजी म.सा. के शिक्षा एवं साधर्मिक क्षेत्र में किये कार्यो की अनुमोदना करते हुए उनके बताए रास्ते को अपनाने का प्रभावी आव्हान किया।
सभी प्रमुख अतिथियो घीसूलाल बदामिया, विधायक मंगलप्रभात लोढा, अखिल भारतीय जैन अल्पसंख्यक फेडरेशन के अध्यक्ष ललित गांधी, खुबीलाल जे. राठोड आदि का संस्था के पदाधिकारियो ने शाल, माला तथा स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मान किया। संस्थाध्यक्ष खुबीलाल जी. राठौड़ ने अध्यक्षयीय सम्बोधन में संस्था के बहु आयामी सेवा के कार्यो को समाज के सामने रखते हुए सभी अतिथियों का हृदयपूर्वक स्वागत किया। मुख्य अतिथि ललित गाँधी ने अल्पसंख्यक समाज के हित मे सरकार की विभिन्न योजनाओं का विस्तार से उल्लेख करते हुए उन योजनाओं का लाभ साधार्मिक बन्धुओ के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने में उपयोग करने हेतु प्रेरित किया।
मुख्य अतिथि विधायक मंगलप्रभात लोढा ने संस्था के सधार्मिक सेवा के 75 वर्ष पूर्ण करने को एक महान एवम प्रेरणादायक उपलब्धि बताते हुए इसकी भूरी भूरी प्रशंसा की। समारोह के मुख्य अतिथि घीसूलाल बदामिया ने मंदिर के साथ शिक्षा मन्दिर खोलने हेतु मंदिर के साथ ही शिक्षा मन्दिर के संदर्भ में ठोस व्यवस्था स्थापित करने पर बल देते हुए सम्पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। समारोह में लगभग 60 वर्षो तक विभिन्न पदों पर रहते हुए निस्वार्थ भाव से समाज की सेवा यज्ञ में तन, मन तथा धन से अपनी आहूति प्रदान करने हेतु श्री दामजीभाई के छेड़ा तथा श्री प्रतापभाई के शाह को वल्लभ विभूति विभूषण से सम्मानित करते हुए उन्हें स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया।
अमृत महोत्सव समारोह के संयोजक कनक परमार ने संस्था के 75 वर्षों के सफर की उपलब्धियो को समाज के सामने रखते हुए समाज को तन, मन, धन से संस्था के साथ खड़े होकर सधार्मिक बन्धुओ की सेवा में योगदान करने की अपील की। इस शुभ अवसर को यादगार बनाने हेतु प्रकाशित स्मारिका का सभी अतिथियों के कर कमलों से विमोचन भी किया गया। संस्था के कार्यालय व्यवस्था में लंबे समय तक अपनी सेवाएं प्रदान करने वाले प्रवीणभाई, संजयभाई एवम मंगलभाई का भी उनकी सेवाओ की अनुमोदना करते हुए सम्मानित किया गया। इस शुभ अवसर पर साधार्मिक एवम शिक्षा के क्षेत्र में और अधिक कार्य की आवश्यकता, आडम्बर छोडऩे के सन्देश देते हुए एक प्रभावी एवम हृदय को छूने वाला सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। सम्पूर्ण कार्यक्रम का सफल संचालन कवि युगराज जैन ने किया। अंत मे संस्था सचिव पोपटलाल जैन ने सभी का इस समारोह के अभूतपूर्व सफलता में योगदान हेतु धन्यवाद प्रस्तुत किया। समारोह में मगनलाल मेहता, रतनचंद ओसवाल, चन्दु तेलीसरा, राजेन्द्र मंडलेचा, जयंत जैन, मदन सुंदेशा, विमल रांका, सिद्धराज लोढ़ा, सुकन परमार, विमलचंद राठौड, विमल धोका, शांतिलाल बोकडिया, जयंतीभाई (एमके), प्रमोद चंडालिया, गिरीश राठौड, ललित शक्ति सहित कई संस्थाओं के प्रतिनिधी उपस्थित थे।
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