नगर के मोहहला नंबर 2 स्थित श्री चंद्रप्रभू दिगम्बर जैन मंदिर एवं सहावगंज स्थित पारसनाथ दिगम्बर जैन मंदिर पर आज सोमवार को जैन धर्म के 23वे तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ स्वामी का ज्ञान कल्याणक यहां धूमधाम से मनाया गया ।
यहां सबसे पहले जैन समाज के अनिल कुमार जैन एवं सतीश चंद्र जैन ने भगवान जिनेन्द्र स्वामी का मंगल जलाभिषेक कर शांतिधारा की । उसके बाद सभी भगतो द्वारा पूजा अर्चना के साथ अर्घ्य समर्पित किए गए ,एवं मंत्र णमोकार का पाठ किया गया और भगतीमय नृत्य प्रस्तुत किए गए ।
यहां प्रबचन दे रहे आचार्य सतीश चंद्र जैन शास्त्री ने कहा ,की भगवान पार्श्वनाथ के समवसरण में स्वयंभू को आदि लेकर दस गणधर थे, सोलह हजार मुनिराज, सुलोचना को आदि लेकर छत्तीस हजार आर्यिकाएँ, एक लाख श्रावक और तीन लाख श्राविकाएँ थीं। इस प्रकार बारह सभाओं को धर्मोपदेश देते हुए भगवान ने पाँच मास कम सत्तर वर्ष तक विहार किया। अंत में आयु का एक माह शेष रहने पर विहार बंद हो गया। प्रभु पाश्र्वनाथ सम्मेदाचल के शिखर पर छत्तीस मुनियों के साथ प्रतिमायोग से विराजमान हो गये। श्रावण शुक्ला सप्तमी के दिन प्रात:काल के समय विशाखा नक्षत्र में सिद्धपद को प्राप्त हो गये। इन्द्रों ने आकर मोक्ष कल्याणक उत्सव मनाया।उन्होंने कहा ,की ऐसे ही पार्श्वनाथ भगवान की तरह सम्पूर्ण प्रकार के उपसर्गों को सहन करने की शक्ति भी हम सभी को प्रदान हो।
इस अवसर पर प्रेमचंद्र जैन,संतोष जैन ,सतीश चंद्र जैन ,अनिल कुमार जैन ,अजित जैन ,अमित जैन ,सुनील जैन,अनिल जैन सोनी,पीयूष जैन,निर्भय जैन,रीता जैन ,स्वीटी जैन,मोना जैन,ममता जैन,चुन्नी जैन,मुन्नीदेवी जैन,नीलम जैन आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे ।
इधर दिधौनी स्थित जैन मन्दिर पदमांचल पर भी तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ स्वामी का ज्ञान कल्याणक यहां धूमधाम से मनाया गया ।जिसमे मुख्य रूप से संतोष जैन ने पूजा अर्चना एवं धार्मिक अनुष्ठान संपन्न कराए ।
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