उज्जैन. गुजरात के सूरत से झारखंड के श्री सम्मेद शिखरजी जैन तीर्थ के लिए निकला 125 साधु-साध्वियों का पैदल संघ शुक्रवार सुबह 7.30 बजे शहर पहुंचा। हासामपुरा जैन तीर्थ से विहार कर शहर आए साधु साध्वियों ने समूह के रूप में विभिन्न जैन मंदिरों में दर्शन कर मंदिरों का महत्व व इतिहास जाना। गच्छाधिपति आचार्य राजशेखर सुरिश्वरजी म.सा. के साथ करीब 15 साधु साध्वी महाकालेश्वर मंदिर भी पहुंचे तथा गर्भगृह में जाकर दर्शन किये।
इस पैदल संघ का रात्रि पड़ाव कार्तिक मेला मैदान पर लगे टैंट में रहा। शिविर स्थल पर ही दोपहर 3 बजे प्रवचन हुए जिसमें समाजजन शामिल हुए। गुरूभक्त प्रसन्न जैन एवं राहुल कटारिया ने बताया कि घी मंडी स्थित कांच के जैन मंदिर से साधु साध्वियों का कारवा श्री ऋषभदेव छगनीराम पेढ़ी मंदिर, बड़ा उपाश्रय मंदिर, श्री राजेन्द्र जैन ज्ञान मंदिर, श्री शांतिनाथजी मंदिर छोटा सराफा होते हुए दानीगेट स्थित अवंति पार्श्वनाथ जैन मंदिर पहुंचा।
खाराकुआ पेढ़ी पर आचार्य श्री राजशेखर सूरि ने कहा कि श्रीपाल मैना सुंदरी ने जिस स्थान पर तप कर जिन शासन की महत्ता को चहुंओर फैलाया वह स्थान आप लोगों के शहर में है लेकिन कई बार हम हमारे ही क्षेत्र के मंदिरों के महत्व को जान नहीं पाते।
इस दौरान उन्होंने मांगलिक श्रवण कराई। खाराकुआ पेढ़ी सचिव जयंतीलाल जैन तेलवाला, संजय जैन ज्वेलर्स, नरेन्द्र तवरेचा, बाबूलाल बिजलीवाला, संजय खलीवाला, विमल पगारिया, राजेश पटनी, रितेश खाबिया, रजत मेहता, चंद्रशेखर डागा, निर्मल सकलेचा, मनीष जैन, तेजकुमार सिरोलिया, मांगीलाल गावड़ीवाला सहित विभिन्न समाजजनों ने साधु साध्वियों की अगवानी की।
आज भैरवगढ़ पहुंचेंगे,शाम को मक्सी रोड़ पर पड़ाव
शनिवार अलसुबह साधु साध्वियों का संघ कार्तिक मेला स्थल से भैरवगढ़ स्थित मणिभद्र तीर्थधाम पहुंचेगा। यहां सभी दर्शन वंदन करेंगे। ट्रस्ट के अभय मेहता, कमल पिछोलिया, सुभाष दुग्गड़ आदि आचार्यश्री से विनती करने पहुंचे। शाम 4 बजे सभी साधु साध्वी भैरवगढ़ से विहार कर अरविंदनगर स्थित श्री नागेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर व वीडी मार्केट के संभवनाथ जैन मंदिर होकर मक्सी रोड़ डीपो चौराहा पर बने टैंट में रात्रि विश्राम करेंगे। अरविंद नगर ट्रस्ट अध्यक्ष नरेश भंडारी, सचिव अभय जैन मामा, ट्रस्टी राकेश कोठारी आदि की विनती को आचार्यश्री ने स्वीकार कर मंदिर आने की सहमति दी।
जैन धर्म से जुडी ताज़ा खबर पाने हमे LIKE करे फेसबुक पर
[FBW]
No comments:
Post a Comment